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निर्मला सीतारमण के बजट में नोएडा के लिए इस बार क्या खास?

नोएडावित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आम बजट पेश किया। कोरोना काल में पेश हुए आम बजट में सरकार ने इस बार स्वास्थ्य पर विशेष फोकस किया है। हेल्थ बजट में 135 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इसका फायदा नोएडा और ग्रेटर नोएडा में मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। बजट में किए गए प्रावधानों से यूपी के शोविंडो में स्वास्थ्य सेवाओं की सेहत में और सुधार आएगा। यहां रहने वाले मध्यम वर्गीय परिवारों बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी। इसके अलावा रोजगार के भी अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा अन्य बातों पर भी फोकस किया है। आपको बताते हैं कि इस आम बजट से नोएडा-ग्रेटर नोएडा का क्या मिला। 30 हेल्थ सेंटर्स खुलेंगे बजट में घोषणा की गई है कि देश में 75 हजार नए हेल्थ सेंटर खुलेंगे। इस आधार पर कहा जा सकता है गौतमबुद्ध नगर जैसे जिले में करीब 25-30 नए हेल्थ सेंटर और खुल सकेंगे। साथ ही मौजूदा हेल्थ सेंटर हैं उनकी गुणवत्ता को और बेहतर किया जा सकेगा। पुलिस चौकी की तर्ज पर काम करेंगे हेल्थ सेंटर यह हेल्थ सेंटर एक प्रकार से पुलिस चौकी की तर्ज पर काम करेंगे। इससे लोगों की हेल्थ का रिपोर्ट, बीमारियों का रेकॉर्ड, उनकी जांच और निगरानी यह सब और बेहतर तरीके हो सकेगी। इस समय जिले में कई सरकारी अस्पतालों के अलावा 6 सामुदायिक केंद्र, 18 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 22 हेल्थ सेंटर काम कर रहे हैं। मध्यमवर्गीय को मिलेगी बड़ी राहत जिले के पूर्व सीएमओ डॉ. अनुराग भार्गव ने का कहना है कि हेल्थ सेंटर की संख्या बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को और अच्छा इलाज मिल सकेगा। सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल, चाइल्ड पीजीआई या फिर सेक्टर-39 में तैयार किया गया अस्पताल में गंभीर मरीजों के इलाज की सुविधा नहीं है। नोएडा जैसे शहर में लोगों को निजी अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता है। यहां सरकारी क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल खुलते हैं तो मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिलेगी। बेहतर होंगी इलाज की सुविधाएं जिले में इस समय करीब 900 निजी अस्पताल व क्लिनिक स्वास्थ्य विभाग में रजिस्टर्ड हैं। इनमें करीब 300 ऐसे हैं जो बीमा कंपनियों के पैनल में रहते हैं। हेल्थ विशेषज्ञ डॉ. डीके गुप्ता बताते हैं कि एफडीआई 49 प्रतिशत से 74 प्रतिशत होने की वजह से हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों की सर्विस अमेरिका जैसे देशों की तर्ज पर बेहतर हो सकेगी। एफडीआई बढ़ने से मॉनिटरिंग विदेशी कंपनियों के हाथ में जाएगी जो कि अपनी सर्विसेज और इमेज को लेकर ज्यादा गंभीर रहती हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण में मिलेगी मदद अभी तक पिछले कई साल से नोएडा व ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी अपने स्तर से ही स्वच्छता सर्वेक्षण के कामों पर पैसा खर्च कर रही हैं लेकिन इस बार के बजट में शहरी स्वच्छ भारत मिशन के लिए एक लाख 41 हजार करोड़ का बजट रखा गया है। इससे नोएडा और ग्रेटर नोएडा दोनों अथॉरिटी को इस मिशन के लिए अच्छा बजट मिलने की उम्मीद की जा सकती है। वहीं प्रदूषण कंट्रोल के लिए सरकार फंड की मदद भी करेगी। स्क्रैप पॉलिसी से होगा बड़ा फायदा सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद जिले में करीब 52 हजार वाहन ऐसे हैं जिनका पंजीकरण या तो रद्द हो चुका है या किया जा रहा है लेकिन परिवहन विभाग ऐसे वाहनों को जब्त करने से इसलिए कतराता है कि आखिर इन्हें कहां रखा जाएगा। इस पॉलिसी के आने से पुराने वाहनों के पार्ट्स का बड़े पैमाने पर रीयूज हो सकेगा और शहर की ग्रीन बेल्ट व अन्य स्थानों पर कबाड़ के रूप में पड़े हजारों वाहनों को वहां से उठाकर स्क्रैप किया जा सकेगा। एआरटीओ प्रशांत तिवारी का कहना है कि इसकी काफी समय से जरूरत महसूस की जा रही थी। इसके आने से बड़ा फायदा होगा। रियल एस्टेट को मिलेगा विस्तार आम बजट में रियल एस्टेट सेक्टर में खासकर अफोर्डबल हाउसिंग प्रॉजेक्ट पर फोकस किया गया है। सरकार ने ब्याज पर मिलने वाली छूट को एक साथ बढ़ाने का निर्णय लिया है। इनका नोएडा और एनसीआर के बिल्डर व डिवेलपर्स ने स्वागत किया है। यह अनुमान जताया है कि अफोर्डबल हाउसिंग जिसमें खासकर प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रॉजेक्ट बढ़ेंगे। उद्योग को मिलेगी ताकत, बढ़ेगे रोजगार नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर के प्रेजिडेंट ललित ठुकराल ने बताया कि गारमेंट इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए बजट में बड़े स्तर की प्लानिंग की गई है। इसके लिए 7 अपैरल क्लस्टर पार्क बनाने की सरकार ने बजट में घोषणा की है। गारमेंट इंडस्ट्री को बजट में इतनी प्राथमिकता कभी नहीं मिली है। गारमेंट इंडस्ट्री के लिए यह बेहद अच्छा बजट है। इससे लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा। जिले में यमुना एक्सप्रेस वे पर अपैरल क्लस्टर पहले से ही तैयार हो रहा है जहां 5 लाख लोगों को रोजगार मिल सकेगा। डिविडेंट फंड जमा करने के बढ़े समय से राहत वहीं, नोएडा एंटरप्रेन्योर असोसिएशन के अध्यक्ष विपिन मल्हन ने कहा कि इंडस्ट्री के हिसाब से संतुलित बजट है। इंपोर्ट होने वाले सामान महंगे होंगे क्योंकि इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई जाएगी। आत्मनिर्भर भारत बनाने पर जोर है। इससे देसी उत्पादों की कद्र और इस्तेमाल बढ़ेगा। इंडस्ट्री के लिए एक अच्छी राहत की बात यह है कि डिविडेंट फंड को जमा कराने में 6-7 महीने की राहत मिल गई है। अब तक यह होता था कि घोषणा करने के बाद तुरंत बाद यह फंड जमा कराना होता था। वहीं एमएसएमई के लिए बजट में कई हजार करोड़ के फंड की व्यवस्था की गई है। किसानों ने कहा, बजट में कुछ खास नहीं आम बजट में सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को दोहराया है। कृषि ऋण डेढ़ लाख करोड़ बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपये किया गया। साथ ही निर्यात में 22 और उत्पादों को शामिल करने की बात कही गई। चाहे किसान आंदोलन की वजह माने या तत्काल कोई राहत न मिलना। बजट पर किसानों की प्रतिक्रिया में कोई खास उत्साह देने को नहीं मिला।


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