रेप का झूठा मुकदमा लिखवाने वाली महिला पर कोर्ट ने लगाया 20 हजार का जुर्माना
गाजियाबाद रेप के मामले की झूठी रिपोर्ट लिखवाने के मामले को लेकर कोर्ट ने मुकदमा वादी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने से प्राप्त होने वाली धनराशि में से 50 फीसदी धन पीड़ित को दिए जाने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने केस के आरोपित को बरी कर दिया है। विशेष पॉक्सो एक्ट कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक उत्कर्ष वत्स ने बताया कि लोनी बॉर्डर क्षेत्र स्थित एक मकान में महिला अपने परिवार के साथ किराए पर रहती थी। उसी मकान में रजत भी किराए पर रहता था। 6 अक्टूबर 2020 को महिला ने रजत पर आरोप लगाया कि रात में रजत ने उसकी बेटी का बलात्कार कर दिया। महिला की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने रजत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पीड़ित इस मामले में 3 महीने तक जेल में रहा उसके बाद उसे जमानत मिली थी। मामले की सुनवाई पॉक्सो कोर्ट में चली। शनिवार को मामले की अंतिम सुनवाई न्यायाधीश महेंद्र श्रीवास्तव की कोर्ट में चली। न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान साक्ष्यों के आधार पर बलात्कार की घटना को झूठा पाया। इस आधार पर कोर्ट ने रजत को बरी कर दिया। वहीं बलात्कार का झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने से प्राप्त होने वाली धनराशि में से 50 प्रतिशत धन पीड़ित को दिए जाने के आदेश दिए हैं। जुर्माना नहीं देने पर महिला को 15 दिन का साधारण कारावास भुगतना पड़ेगा।
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