विकास एनकाउंटर की CBI जांच? यह बोला SC
नई दिल्ली/कानपुर सुप्रीम कोर्ट ने एनकाउंटर मामले में संकेत दिया है कि वह फैक्ट फाइंडिंग कमिटी का गठन कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हैदराबाद एनकाउंटर मामले में जिस तरह से फरवरी में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस की अगुवाई वाली कमिटी का मामले की जांच के लिए गठन हुआ था उसी तरह से इस मामले में भी हम सोच रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से मामले में स्टैंड साफ करने को कहा है और अगली सुनवाई सोमवार (20 जुलाई) को होगी। मामले की सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह मामले में जो भी कदम उठाए गए हैं उसको लेकर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेंगें। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि वह एनकाउंटर मामले की जांच के लिए रिटायर जस्टिस की अगुवाई वाली कमिटी बनाने के बारे में सोच रही है। याचिका में की गई मांग यूपी के कानपुर में विकास दुबे के एनकाउंटर मामले की जांच के लिए तीन अर्जियां सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है। एनकाउंटर मामले की सीबीआई, एसआईटी जांच की गुहार लगाई गई है। याचिका में क्रिमिनल और पॉलिटिशियल के कथित गठजोड़ के जांच की भी मांग की गई है। गुरुवार तक यूपी सरकार देगी स्टेट्स रिपोर्ट सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि मामले में हम जवाब दाखिल करेंगे। एनकाउंटर मामले में जो भी छानबीन और कदम उठाए गए हैं उस बारे में हम स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेंगे। यूपी सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि गुरुवार तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया जाएगा। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वह यूपी सरकार की ओर से पेश हो रहे हैं उन्हें पक्ष रखने का मौका दिया जाए। इस दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि अदालत इस मामले में कुछ सोच रही है। हैदराबाद एनकाउंटर मामले में जिस तरह से हमने जांच के लिए रिटायर जस्टिस की अगुवाई में कमिटी बनाई थी वैसा ही हम यहां करने की सोच रहे हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से गुरुवार तक स्टैंड साफ करने को कहा है और अगली सुनवाई के लिए सोमवार की तारीख तय कर दी है। 'पुलिस ऑफिसर एनकाउंटर का कर रहे सपॉर्ट' पीयूसीएल की अर्जी में कहा गया है कि उनकी ओर से मई 2018 में अ्र्जी दाखिल की गई थी। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया था कि यूपी में एक जनवरी 2017 से लेकर 31 मार्च 2018 के बीच कई एनकाउंटर हुए हैं और इसमें दर्जनों लोग मारे गए हैं। यहां तक कि पुलिस ऑफिसर एनकाउंटर का सपोर्ट कर रहे हैं। याचिका में सीबीआई या फिर एसआईटी जांच की मांग की गई थी। इसी बीच 10 जुलाई 2020 को यूपी के विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार कर यूपी पुलिस कानपुर ले जा रही थी और बताया गया कि गाड़ी पलटी और इस दौरान दुबे घायल पुलिस कर्मी का पिस्टल लेकर भागने की कोशिश की और पुलिस बल पर फायरिंग की इसी दौरान जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। पीयूसीएल की नई अर्जी में मांग की गई है कि विकास दुबे और उसके दो अन्य साथियों के एनकाउंटर मामले की एसआईटी जांच कराई जाए। साथ ही यूपी में हुए एनकाउंटर मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस की अगुवाई में जांच हो। इसी बीच, सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रेकॉर्ड अनूप प्रकाश अवस्थी की ओर से अर्जी दाखिल कर यूपी सरकार को प्रतिवादी बनाया गया है और यूपी में हुए एनकाउंटर की जांच की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि पुलिस और क्रिमिनल पॉलिटिशियल के बीच गठजोड़ की सीबीआई या एनआईए जांच कराई जाए। वहीं विकास दुबे की यूपी के कानपुर में हुए एनकाउंटर में मौत के कुछ ही घंटे पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया था कि यूपी सरकार को निर्देश दिया जाए कि पुलिस उनके जीवन की सुरक्षा करे और ये सुनिश्चित किया जाए कि दुबे की पुलिस द्वारा एनकाउंटर न की जाए या उनकी हत्या न की जाए।
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