आज एक्टिविस्ट पत्नी के साथ आईपीएस अमिताभ ठाकुर करेंगे विकास दुबे के एनकाउंटर स्थल और गांव का दौरा
कानपुर के बिकरु गांव में दो जुलाई को मुठभेड़ में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर में 10 जुलाई को मारा जा चुका है। अब सरकार इस कांड के पीछे की हर एक कहानी को उजागर करना चाहती है। इसके लिए एसआईटी, ईडी, आयकर विभाग विभाग द्वारा जांच कराए जाने के अलावा कमीशन भी बनाया गया है। वहीं, आज आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर और उनकी एक्टिविस्ट पत्नी डॉक्टर नूतन ठाकुर विकास दुबे के एनकाउंटर स्थल और बिकरु गांव का दौरा करेंगी।
नूतन ठाकुर ने मानवाधिकार आयोग से की थी शिकायत
बीते 10 जुलाई को एक्टिविस्ट डॉक्टर नूतन ठाकुर ने विकास दुबे के एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से शिकायत की थी। कहा था कि, विकास दुबे ने जघन्य अपराध किया था, लेकिन जिस तरह से उसके बाद पुलिस ने गैर कानूनी काम किया वह निंदनीय है। आरोप लगाया कि, विकास के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय और अतुल दूबे को गांव में मारा गया, वे इस घटना में शामिल नहीं थे। इसी तरह उसके सहयोगी प्रभात मिश्रा, प्रवीण दूबे और अब विकास दुबे का भारी पुलिस बल की मौजूदगी में मारा जाना किसी को स्वीकार नहीं हो रहा है। पुलिस की कहानी में कई खामियां हैं। विकास का घर बिना आदेश के गिराया गया, उसकी पत्नी व बच्चे से बर्ताव भी असंवैधानिक और अनुचित था। ऐसे में आईपीएस अफसर और डॉक्टर नूतन एनकाउंटर में मारे गए अपराधियों के परिजनों से भी मुलाकात कर सकती हैं।
जल्द रिहा हो सकती है अमर दुबे की पत्नी
कानपुर शूटआउट के आरोपी और विकास दुबे के खास साथी अमर दुबे को एसटीएफ ने 8 जुलाई को हमीरपुर में एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। इसके बाद उसकी पत्नी खुशी को जेल भेज दिया था। खुशी की शादी 29 जून को हुई थी। अब पुलिस ने उसे जेल से छुड़ाने के लिए 169 की कार्रवाई की है। एक या दो दिन में वह जेल से रिहा हो जाएगी। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि, उसकी शूटआउट में कोई भूमिका नहीं मिली है। इसलिए उसे जेल से रिहा कराने के लिए कार्रवाई की गई है। कोई भी निर्दोष जेल नहीं जाएगा।
बिकरु गांव वाले बोले- अत्याचारी था विकास दुबे
रविवार को कानपुर शूटआउट की जांच करने के लिए अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अगुवाई में तीन सदस्यीय एसआईटी बिकरु गांव पहुंची। इस दौरान टीम ने 26 लोगों से बात की तो गांव वालों ने कहा कि, विकास दुबे अत्याचारी था। टीम ने शिवली थाने का दौरा किया, जहां 2001 में हुई राज्यमंत्री संतोष शुक्ला, कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या और विकास दुबे व उसके गुर्गों से जुड़े दस्तावेज खंगाले। टीम ने बिकरु गांव में उस जगह को देखा जहां पुलिसकर्मियों की हत्या हुई थी।
क्या था बिकरू कांड?
कानपुर के चौबेपुर थाना इलाके का बिकरू गांव... 2 जुलाई की रात गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग की गई। इस दौरान विकास और उसकी गैंग ने 8 पुलिसवालों को गोलियों से भून दिया था। सरगना विकास 3 राज्यों की पुलिस को चकमा देकर यूपी से हरियाणा और फिर राजस्थान होते हुए मध्यप्रदेश पहुंच गया। सरेंडर के अंदाज में उज्जैन के महाकाल मंदिर से गुरुवार को विकास की गिरफ्तारी हुई। यूपी पुलिस उसे कानपुर ले जा रही थी, लेकिन रास्ते में विकास का वही अंजाम हुआ जिसके डर से वह भागता फिर रहा था। शुक्रवार सुबह कानपुर से 17 किमी पहले पुलिस ने विकास को एनकाउंटर में मार गिराया।
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