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अब दिल्ली से मिनटों में कीजिए मेरठ का सफर

मेरठ/ दिल्ली/ लखनऊ दिल्ली से गाजियाबाद होते हुए मेरठ तक के देश के पहले (आरआरटीएस) के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 100 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। परियोजना का लक्ष्य दिल्ली और मेरठ के बीच यात्रा का समय घटाने का है। बताया जा रहा है कि इस परियोजना के पूरा हो जाने के बाद दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी एक घंटे से भी कम रह जाएगी। योगी सरकार ने 900 करोड़ रुपये की इस परियोजना को पहली आर्थिक खुराक देते हुए 100 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। दिल्ली और मेरठ के बीच 80 किमी का यह कॉरिडोर प्रदेश की सबसे घनी आबादी वाले इलाकों से होकर गुजरेगा। कॉरिडोर न केवल इलाके के विकास के लिए फायदेमंद होगा बल्कि यह बड़ी संख्या में टाउनशिप्स और आर्थिक गतिविधि के केंद्रों को सेक्शन से जोड़ने में भी मददगार होगा। परियोजना में 180 किमी प्रति घंटा की डिजाइन स्पीड होगी। कॉरिडोर में होंगे 24 स्टेशन्स यह भारत में क्षेत्रीय पारगमन सेवाओं के लिए अपनी तरह का पहला रोलिंग स्टॉक होगा, जो चरणबद्ध तरीके से शहरों के बीच लागू किया जाएगा। कॉरिडोर में 24 स्टेशन्स होंगे। यूपी आवास और शहरी नियोजन विभाग द्वारा को भेजे गए एक विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा मंजूर किया गया फंड परियोजना का काम देख रहे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के प्रबंध निदेशक के विवेकाधिकार के क्षेत्र में होगा। कॉर्पोरेशन को लेनी होगी पर्यावरणीय मंजूरी परियोजना का संचालन राज्य सरकार द्वारा निर्धारित समय के अनुसार किया जाएगा। कॉर्पोरेशन साथ ही निर्माण कार्य की उच्च गुणवत्ता को सुनिश्चित करने का काम भी करेगा। हाउसिंग विभाग द्वारा तय किए गए दिशानिर्देशों के मुताबिक, कॉर्पोरेशन को परियोजना शुरू करने से पहले कानूनी और पर्यावरणीय मंजूरी लेनी होगी। इसके अलावा एनसीआरटीसी को परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने और इसे केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार से मंजूरी लेने की आवश्यकता होगी। बैंकों में नहीं जमा होगा फंड परियोजना के लिए स्वीकृत धनराशि का इस्तेमाल एक बार में नहीं किया जाएगा बल्कि जरूरत के हिसाब से इसे खर्च किया जाएगा। दिशानिर्देशों के मुताबिक, स्वीकृत किए गए फंड को बैंकों में या किसी अन्य सार्वजनिक बही खाता में जमा नहीं किया जा सकेगा। कॉर्पोरेशन यह भी देखेगा कि परियोजना को किस अन्य स्रोत से फंड नहीं मिला है और यह किसी अन्य विकास योजना के तहत समायोजित नहीं किया गया है। राज्य सरकार ने मंजूर किए धन को 31 मार्च 2021 तक खर्च किए जाने की डेडलाइन भी जारी की है।


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