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अलीगढ़ में साधु को सांप ने डसा, झाड़-फूंक से जोखिम में पड़ी जान, पुलिस ने पहुंचाया अस्पताल

आधुनिक विज्ञान के युग में लोग अभी भी अंधविश्वास के चक्कर में पड़कर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। इसकी बानगी बुधवार को अलीगढ़ जिले में देखने को मिली। यहां एक मंदिर में रहने वाले साधु को मंगलवार रात सोते समय सांप ने डस लिया। इस बात की जानकारी जब साधु के अनुयायियों को पता चली तो वे झाड़-फूंक कर इलाज करने लगे। करीब पांच घंटे के बाद जब पुलिस को पता चला तो पीड़ित को सीएचसी इगलास में भर्ती करवाया गया है। हालत नाजुक बनी हुई है।

तहसील इगलास क्षेत्र के कस्बा बेसवा में किला बगीची मंदिर है। यहां मंदिर की देखभाल व पूजा पाठ करने करने वालेसाधु को मंगलवार रात सांप ने डस लिया। सुबह मंदिर में पूजा करने पहुंचे श्रद्धालुओं ने जब साधु बेसुध देखा तो जानकारी ली। इसके बाद कुछ झाड़ फूंक करने वालों को बुलाकर सांप के जहर को उतरवाना शुरू कर दिया।

मंदिर परिसर में साधु को लिटा दिया गया। साधु को आराम मिलने के बजाय जब उसकी हालत बिगड़ने लगी तो पुलिस को बुलाया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़ित कोइलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इगलास पहुंचाया। जहां एंटी स्नैक वेनम का इंजेक्शन लगाया गया है। लेकिन अभी हालत में कोई सुधार नहीं आया है।

सर्पदंश की स्थिति में क्या करना चाहिए-

  • जिस जगह सांप ने काटा हो, उसे कपड़े या रस्सी से बांध दें।
  • घाव पर एक छोटा सा चीरा लगाकर थोडा रक्त बह जाने दें।
  • पानी से घाव धोते रहें।मरीज दौड़-भाग ना करे।
  • मरीज को अन्य व्यक्ति उठाकर अस्पताल ले जाए।
  • मरीज को तरल पदार्थ देते रहें।
  • झाडफ़ूंक या अन्य घरेलू नुस्खे अपनाने में समय नष्ट करने की बजाय शीघ्र अस्पताल पहुंचाएं।
  • शासन द्वारा एंटीवेनम इंजेक्शन शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं पर निशुल्क उपलब्ध कराए गए हैं।


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यह तस्वीर अलीगढ़ की है। सर्पदंश के बाद झाड़-फूंक करते लोग।


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