दुबे के राजदार के संपर्क में थे कई सफेदपोश!
सुमित शर्मा, कानपुर उत्तर प्रदेश के कानपुर के हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के सबसे बड़े राजदार को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया। पुलिस को बिकरू हत्याकांड में के शामिल होने का शक है लेकिन वारदात की रात गुड्डन के मोबाइल की लोकेशन रूरा गांव की बताई जा रही है। सूत्रों के हवाले से यह भी बात निकल कर सामने आई है कि वारदारत के बाद कई सफेदपोश उसके संपर्क में थे, जो उसे पल-पल की जानकारी दे रहे थे। फिलहाल, पुलिस ने गुड्डन को बिकरू गांव हत्याकांड की साजिश में शामिल होने का दोषी बनाकर जेल भेजा है। कानपुर देहात से जिला पंचायत सदस्य गुड्डन त्रिवेदी उर्फ अरविंद को बिकरू गांव हत्याकांड के बाद महाराष्ट्र एटीएस ने उसके ड्राइवर सोनू के साथ गिरफ्तार किया था। कानपुर पुलिस ने पहले तो गुड्डन त्रिवेदी के इस हत्याकांड में शामिल होने से इनकार किया था। इसके बाद कानपुर पुलिस ने गुड्डन त्रिवेदी से पूछताछ के लिए ट्रांजिट रिमांड पर लाने का फैसला किया। गुड्डन ने बिकरू हत्याकांड के लिए विकास को असलहे और कारतूस मुहैया कराए थे। चुनाव में विकास और गुड्डन मिलकर फैलाते थे दहशत हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे जब जिला पंचायत सदस्य बना था तब गुड्डन ने उसका भरपूर साथ दिया था। इसके बाद जब विकास की पत्नी रिचा दुबे जिला पंचायत सदस्य बनीं तो उसमें भी गुड्डन की अहम भूमिका थी। इसके साथ ही बिकरू गांव समेत आसपास के गांव में जितने भी ग्राम प्रधान बनते थे, वे विकास के मर्जी से बनते थे। विकास और गुड्डन अपने गुर्गों के साथ मिलकर दहशत फैलाते थे। दर्जनों गांव के लोग वहीं वोट करते थे जहां विकास दुबे कहता था। इसी तरह जब गुड्डन जिला पंचायत सदस्य बना था तो उसके विकास दुबे का रोल सबसे अहम था। बिकरू हत्याकांड के बाद से गुड्डन था फरार बिकरू हत्याकांड के बाद से ही गुड्डन त्रिवेदी घर से फरार चल रहा था। उसने विकास और उसके साथियों की फरारी काटने में मदद भी की थी। विकास को उसने शिवली से 50 किलोमीटर दूर खेतों के बीच एक छोटे से कमरे में छिपाया था। विकास ने फरारी के दो दिन वहीं काटे थे। विकास गुड्डन त्रिवेदी की मदद से ही उज्जैन पहुंचा था। गुड्डन ने उसे उज्जैन जाने के लिए गाड़ी मुहैया कराई थी। गुड्डन त्रिवेदी के संपर्क में थे सफेदपोश गुड्डन त्रिवेदी जिला पंचायत सदस्य है, जिसकी वजह से उसके संबध सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओ से है। सूत्रों के मुताबिक जब गुड्डन त्रिवेदी फरारी काट रहा था तो कई सफेदपोश उसके संपर्क में थे। सफेदपोश उसे एक-एक घटना की जानकारी दे रहे थे। जिसकी वजह से वह लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था। विकास दुबे ने कई सफेदपोशों से खुद गुड्डन को मिलवाया था। जब कभी भी विधानसभा और लोकसभा चुनाव होते थे तो विकास और उसके गुर्गे नेताओं की हर तरह से मदद करते थे। जिसकी वजह से विकास और गुड्डन जैसे अपराधियों की मदद के लिए सफेदपोश आगे आते थे। गुड्डन त्रिवेदी और उसकी पत्नी के नाम शस्त्र लाइसेंस होगें निरस्त जिला पंचायत सस्दय गुड्डन त्रिवेदी और उसकी पत्नी के नाम तीन शस्त्र लाइसेंस है, पुलिस इनके लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। गुड्डन त्रिवेदी के नाम पर एक डबल बैरल बंदूक और एक रायफल का लाइसेंस है, और उसकी पत्नी कंचन के नाम पर एक रिवाल्वर है। पुलिस डीएम को पत्र लिखकर इनके लाइसेंस निरस्त करने की मांग करेगी।
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