कलाकारों के लिए रामलीला पर कोर्स कराएगा अयोध्या शोध संस्थान, प्रशिक्षण के दौरान दी जाएगी कई विधाओं की जानकारी
उत्तर प्रदेश में राम की नगरी अयोध्या में कोरोना संकट में विदेशी कलाकारों को राम कथा से जोड़ने के लिए अयोध्या शोध संस्थान अब रामलीला पर आनलाइन मास्टर आर्टिस्ट सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने जा रहा है। यह कोर्स 6 माह का होगा, जिसमें उत्तर भारत की रामलीलाओं केविशेषज्ञ आनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन करेंगे। जिसमें मॉरीशस, सूरीनाम ,त्रिनिदाद, गयाना आदि देशों के रामलीला कलाकारों का रजिस्ट्रेशन पहले चरण में किया जा रहा है।
अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डा वाईपी सिंह के मुताबिक इन देशों के कलाकार छात्रों की 20-20 का ग्रृप बनाकर इनको इस सर्टिफिकेट कोर्स से जोड़ा जा रहा है। संस्थान का नेटवर्क पहले से इन देशों में बना है। आनलाइन वेबीनार के जरिए सभी कलाकार प्रशिक्षण से जुड़ सकेंगे।
ट्रेनिंग में दी जाएगी विविध आयामों की जानकारी
डा सिंह ने बताया 6 मास के इस कोर्स में सप्ताह में दो दिनों आनलाइन वेबीनार कांफ्रेंस का आयोजन किया जाएगा। जिसमें छात्रों को रामलीला के विविध आयामों की जानकारी विडियो व फिल्म के जरिए दी जाएगी। जिसमें अभिनय, मुख सज्जा , वेशभूषा ,मंच सज्जा, संवाद लेखन व संवाद बोलने की शैली आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए उत्तर भारत की व्यास परम्परा का मंचन व विडियो तैयार कर उसका आनलाइन प्रजेंटेशन किया जाएगा। जिससे आनलाइन जुड़े छात्र रामलीला की विभिन्न विधाओं पर अपने सवाल सीधे यहां के रामलीला एक्सपर्ट से पूंछेगें। जिसका जवाब पूरे ग्रुप को मिलेगा।
राम लीला विशेषज्ञ ने बताया गया कि गोरखपुर के रामलीला विशेषज्ञ मानवेद्र त्रिपाठी सबसे पहले आनलाइन, मास्टर आर्टिस्ट कोर्स के प्रशिक्षण का संचालन शुरू करेंगे। अगले चरण में उन देशों को भी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा,जहां पहले से ही वहां की शैली में रामलीलाओं का मंचन हो रहा है।
मास्टर आर्टिस्ट सर्टिफिकेट से मिलेगा काम
संस्थान के निदेशक ने बताया कि अयोध्या सहित प्रदेश के अन्य स्थलों पर अयोध्या शोध संस्थान व प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित समारोहों में विदेशी दलों के चयन में सर्टिफिकेट होल्डर कलाकारों को प्राथमिकता दी जाएगी। इससे उनको रोजगार तो मिलेगा ही साथ ही वे अपने देशों में भी उत्तर भारत की रामलीला शैली का मंचन करके इसका प्रचार करेंगे।
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