स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के हाथ बने ड्रेस पहनेंगे प्राइमरी स्कूल के बच्चे, 70 हजार ड्रेस तैयार करने का ऑर्डर मिला
उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं और स्वयं सहायता समूह को काम मुहैय्या करवाने की पहल शुरू की गई है। उन्हें बेसिक स्कूलों के बच्चों की ड्रेस की सिलाई कर इसकी आपूर्ति की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे जिले के 80 महिला स्वयं सहायता समूहों की 290 महिला सदस्यों को सिलाई की मजदूरी से परिवार का भरण पोषण का अवसर मिल रहा है।
प्रवासी महिलाओं को मिलेगा रोजगार
डीएम अनुज कुमार झा ने बताया कि भारत सरकार व प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है कि अपने गांव लौटे प्रवासी श्रमिकों व उनके साथ लौटी महिला सदस्यों को उनके गांव के निकट ही रोजगार प्रदान किया जाए। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए बेसिक शिक्षा विभाग में छात्र-छात्राओं को सप्लाई की जाने वाली ड्रेस का कार्य निर्धारित दर पर बेरोजगार महिलाओं को सौंपा गया है।
इसकी शुरुआत मसौधा ब्लाक के कोटसराय में स्थित इंग्लिश मीडियम प्राथमिक विद्यालय से की गई है। यहां महिला समूह की 22 महिला सदस्यों ने छात्राओं की स्कर्ट, टॉप की कटिंग व सिलाई की शुरूआत की।
70 हजार ड्रेस तैयार करेंगी महिलाएं
सीडीओ प्रथमेश कुमार के मुताबिक बेसिक विद्यालयों में 2 लाख 25 हजार छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं। प्रत्येक छात्र-छात्राओ को 2 सेट ड्रेस वितरित किया जाना है। ऐसे में 4 लाख 50 हजार ड्रेस का वितरण होना है। जिले के चार स्थानों पर 80 महिला स्वयं सहायता समूहों से ड्रेस का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। महिला समूहों ने 15 दिन में 60 हजार यूनिफार्म की सिलाई की क्षमता बताई है। इन समूहों को 60 हजार 988 ड्रेस सिलने का कार्य जिला प्रशासन से फिलहाल मिला है। जिन्हें प्रति ड्रेस 100 रुपए की दर से भुगतान करवाया जाएगा।
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