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यूपी पंचायत चुनाव: कोरोना से सहमे हैं कर्मचारी, काउंटिंग के लिए खड़े किए हाथ

लखनऊ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की पोलिंग में संक्रमित हुए शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारियों और उनमें से कई की मौत होने के बाद अब संगठनों की तरफ से मांग उठने लगी है कि मतगणना स्थगित कर दी जाए। शिक्षक व कर्मचारी संगठनों की तरफ से कहा जा रहा है कि संक्रमण की इस स्थिति को देखते हुए लोग डरे हैं। मतगणना में संक्रमण की आशंका बेहद ज्यादा है। ऐसे में इसे स्थितियां सामान्य होने तक टालना ही उचित होगा। 'मरने वाले बीईओ के परिवार को 50-50 लाख मिले मुआवजा'खंड शिक्षा अधिकारी संघ के महासचिव वीरेंद्र कुमार कनौजिया ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा कि मतगणना में कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करना संभव नहीं होगा। इसके पहले चुनाव ड्यूटी में ही कई खंड शिक्षा अधिकारी संक्रमित हुए और कुछ तो अब इस दुनिया में रहे नहीं हैं। ऐसे में भयावह स्थितियों को देखते हुए मतगणना तत्काल स्थगित कर दी जानी चाहिए। उन्होंने मांग की कि मृत खंड शिक्षा अधिकारियों के परिवारीजनों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा और आश्रित को नौकरी दी जाए। '100 से ज्यादा शिक्षकों को जान गंवानी पड़ी'प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के अध्यक्ष विनय सिंह कहते हैं कि कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए पहले ही निर्वाचन आयोग से संगठन ने मांग की थी कि चुनाव टाल दिए जाएं, लेकिन आयोग चुनाव करवाता रहा और नतीजा यह हुआ कि हजारों की संख्या में शिक्षक कोरोना से संक्रमित हो गए। 100 से ज्यादा शिक्षकों को जान गंवानी पड़ी। अब तो कम से कम मतगणना टाल दी जाए ताकि जो लोग बचे हैं, उनकी जान सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि हर काम में प्राथमिक शिक्षकों को ही लगा दिया जाता है, जबकि माध्यमिक या राजकीय शिक्षकों से चुनाव या कोरोना ड्यूटी नहीं ली जा रही है। यह बेसिक शिक्षकों के साथ अन्याय है। 'सरकार ने नहीं उपलब्ध करवाई सुरक्षा किट'राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि पूरे चुनाव भर सरकार से मांग की जाती रही कि वे कर्मचारियों को समुचित किट उपलब्ध करवाकर ड्यूटी करवाएं, लेकिन सरकार ने नहीं सुना और कर्मचारी कोरोना संक्रमित हुए। कुछ को तो अपनी जान तक गंवानी पड़ी। मतगणना में स्थितियां और भयावह होंगी। लिहाजा इसका ध्यान रखा जाना चाहिए। हो सके तो मतगणना टाल देनी चाहिए। कर्मचारी डरे हुए हैंराजकीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अजय सिंह कहते हैं कि कर्मचारी डरे हुए हैं। गंभीर कोरोना संक्रमितों की क्या स्थिति है, यह पूरे प्रदेश में किसी से छुपी नहीं है। ऐसे में कर्मचारी चुनाव ड्यूटी नहीं करना चाहते हैं। सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए। अगले चरण का चुनाव रोक देना चाहिए। कर्मचारियों की जान के साथ खिलवाड़ ठीक नहीं है। 'क्या गारंटी वोटर संक्रमित नहीं थे'यूपी एजुकेशन ऑफिसर्स असोसिएशन ने कहा कि मतगणना के दौरान अधिकारी, कर्मचारी और शिक्षक सभी मतपत्रों को छुएंगे। क्या गारंटी है कि एक भी मतपत्र कोरोना संक्रमित नहीं होगा? गांवों में भी कोरोना फैल रहा है।


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