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कोरोना टेस्ट में गाजियाबाद फेल... इंतजामों की रिपोर्ट निगेटिव, लोगों की रिपोर्ट...?

अखंड प्रताप सिंह, गाजियाबादगाजियाबाद जिले में सिर्फ ऑक्सिजन या बेड की ही किल्लत नहीं है, बल्कि कोरोना जांच को लेकर भी बहुत अव्यवस्था है। लोगों को कोविड-19 जांच के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। टेस्ट के लिए कई दिनों की वेटिंग चल रही है। किसी तरह टेस्ट हो भी जाए तो रिपोर्ट आने में 5-7 दिन की देरी हो रही है। ऐसे में बिना लक्षण वाले लोगों को पता ही नहीं चल पा रहा है कि वे संक्रमित हैं या नहीं। अगर वे संक्रमित हैं तो पुष्टि न होने व रिपोर्ट न आने की वजह से उनका इलाज समय पर नहीं शुरू हो पा रहा है। इस दौरान उनसे किसी और के भी संक्रमित होने का खतरा बन रहा है। इस अव्यवस्था के बीच साफ कहा जा सकता है कि प्रशासनिक इंतजामों कि रिपोर्ट निगेटिव है, जबकि लोगों की रिपोर्ट का पता ही नहीं है। खुद की शादी में जाना है, पर नहीं मिल रही है RTPCR की रिपोर्टबृज विहार के रहने वाले मनोज कुमार को अपनी शादी में उड़ीसा जाना है। इसके लिए उन्होंने काफी समय पहले ही 30 अप्रैल की एयर टिकट ले रखी है। लेकिन अब अचानक कोरोना संक्रमण का मामला बढ़ जाने से उन्हें आरटीपीसीआर रिपोर्ट हासिल करने में बहुत अधिक दिक्कत हो रही है। मनोज कुमार का कहना है कि 27 अप्रैल शाम 4 बजे के बाद जो आरटीपीसीआर का सैंपल लिया गया होगा, उसके आधार पर जो रिपोर्ट आएगी वही फ्लाइट में ट्रैवल के लिए मान्य होगी। पिछले कुछ दिनों से वह अलग-अलग लैब में टेस्ट के लिए जुगाड़ लगा रहा हूं ताकि जल्दी रिपोर्ट मिल सके, लेकिन अभी तक बात बनी नहीं है। वह बताते हैं कि एक जगह पर आश्वासन मिला है कि 27 अप्रैल को शाम चार बजे के बाद सैंपल लेकर 29 अप्रैल तक इसकी रिपोर्ट दे दी जाएगी। पर वह अब भी पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं। उनके अंदर डर बना हुआ है। यह परेशानी सिर्फ मनोज कुमार की ही नहीं है, बल्कि इनके जैसे हजारों लोगों की है जो रोजाना कोरोना टेस्ट व टेस्ट के बाद रिपोर्ट के इंतजार में बैठे हैं। टेस्ट प्रक्रिया है बहुत धीमीजिले में आरटीपीसीआर की टेस्ट प्रक्रिया बहुत धीमी हो गई है। अधिकतर प्राइवेट लैबों में अभी इस टेस्ट को नहीं किया जा रहा है। सरकारी सेंटरों पर जहां यह टेस्ट किया जा रहा है वहां बहुत अधिक भीड़ है, ऐसे में लोगों का नंबर नहीं आ पाता। कई लोग इन सेंटरों के जल्दी बंद होने की भी शिकायत कर रहे हैं। किसी तरह अगर लोगों का टेस्ट हो भी जा रहा है तो रिपोर्ट आने में 5-7 दिन का इंतजार करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि सैंपल घर से लेना चाहिए। ‘4 दिन से कर रहे इंतजार’एमपी एन्क्लेव में रहने वाले विजय त्यागी को चार दिन पहले हल्के बुखार और दस्त की शिकायत हुई। इसके बाद उन्होंने आरटीपीसीआर टेस्ट करवाकर खुद को होम आइसोलेशन में रखा हुआ है। लेकिन अभी तक उनकी रिपोर्ट नहीं आई है। जब भी वह बात करते हैं तो पता चलता है कि अभी रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन का समय लगेगा। 6 दिन से रिपोर्ट का इंतजारशास्त्रीनगर के रहने वाले मोनू ने बताया कि छह दिन पहले बुखार, सर्दी और खांसी की शिकायत थी। उन्होंने तत्काल ही आरटीपीसीआर टेस्ट करवा लिया, लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है। बुखार हल्का-हल्का बना हुआ है। लगातार बुखार, खांसी और एंटीबायोटिक डॉक्टर की सलाह पर खा रहा हूं, लेकिन मेरी वास्तविक स्थिति क्या है, इसका पता नहीं चल पा रहा है। कुछ मामलों में मौत के बाद आई रिपोर्टजिले में कुछ मामले ऐसे सामने आए हैं, जिसमें सांस लेने में तकलीफ होने पर लोगों ने कोरोना टेस्ट कराया, लेकिन रिपोर्ट समय पर नहीं मिली। हालत बिगड़ने पर वह अस्पताल पहुंचे लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। मरने के बाद जब उनकी रिपोर्ट आई तो उसमें कोरोना की पुष्टि हुई। दरअसल रिपोर्ट न आने की वजह से मरीज को जल्दी अस्पताल में भर्ती नहीं किया जाता और डॉक्टर भी पूरा इलाज शुरू नहीं करते।


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