3 से 5 दिन में मिल रही पोस्टमार्टम रिपोर्ट; रोज आ रहे 12 शव, पार्थिव देह की सुरक्षा के लिए परिजन रोज बर्फ की सिल्ली पहुंचा रहे
अलीगढ़ के पोस्टमार्टम हाउस में रोज लगभग12 शव पोस्टमार्टम के लिए लाए जा रहे हैं। कोरोना महामारी के चलते जब तक मृतकों की जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक शवों को सुरक्षित रखा जाता है। ऐसे में पोस्टमार्टम होने व परिजनको शव हैंडओवर होने में तीन से पांच दिन लग रहे हैं। मृतकों के परिजनका आरोप है कि कर्मियों द्वारा शवों को सुरक्षित रखने के लिए अवैध वसूली की जा रही है। पोस्टमार्टम हाउस के बाहर इस्तेमाल हुई पीपीई किट पड़ी हैं। जिन्हें देखकर लोगों में संक्रमित होने का भय भी रहता है।
अमीर निशा के रहने वाले शरीफुर्रहमान की पांच दिन पहले संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। कहा गया किजब तक कोरोना जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती है, तब तक शव का न तो पोस्टमार्टम होगा न ही परिजनको सौंपा जाएगा। अब हर दिन बर्फ की सिल्ली के लिए शरीफुर्रहमान के परिजनों को 500 रुपए देना पड़ रहा है। शव से दुर्गंध भी आने लगी है। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में शरीफुर्रहमान जैसे कई मृतक हैं, जिनके शव पोस्टमार्टम हाउस में रखे हैं।
मृतक की बहन का ये आरोप
मृतक शरीफुर्रहमान की बहन का आरोप है कि, यहां शवों को सुरक्षित रखने का कोई इंतजाम नहीं है। सुबह और शाम बर्फ की सिल्ली लाने के कहा जाता है। एक सिल्ली 200 रुपए की आती है। 50 रुपए रिक्शेवाला ले लेता है। हर दिन 500 रुपए का खर्च पड़ रहा है। शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए हम अफसरों के दफ्तरों के चक्कर काट चुके हैं। पांच दिन हो गए, शव का पोस्टमार्टम नहीं हुआ है। शव से बदबू उठने लगी है।
प्रभारी ने कहा- समस्या अफसरों को मालूम, कई बार लिखा लेटर
पोस्टमार्टम हाउस के प्रभारी रविकांत दीक्षित ने अपनी विवशता की कहानी बयान की। बताया कि, पिछले एक हफ्ते में करीब 100 शव पोस्टमार्टम के लिए आए हैं। हर दिन औसतन 12 शव आ रहे हैं। जिनकी अलग अलग परिस्थितियों में मौत हुई थी। जिनमें से कुछ की कोरोना जांच भी कराई गई है। लेकिन रिपोर्ट आने में 3 से छह दिन लग रहे हैं। यहां दो डीप फ्रीजर हैं। जिनकी छमता मात्र 6 शवों को सुरक्षित रखने की है। लेकिन एक खराब पड़ा है, ऐसी स्थिति में मजबूरी में डेड बॉडी बर्फ की सिल्ली के ऊपर रखी जा रही है। इस समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।
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